वैश्विक महामारी के समय लोगों का पेट भरना: निकाराग्वा का खाद्यान्न सार्वभौमिकता का तरीका

रीटा जील क्लार्क-गोलब, एरीका टाकेओ और एवरी राइमोन्दो

संयुक्त राष्ट्र संघ की कई संस्थाओं ने संभावना जतायी है कि जीतने लोग कोविड-19 के असर की वजह से मरेंगे, उससे ज्यादा भूख से मर जाएंगे. लेटिन अमेरिका में दीर्घकालीन खाद्य असुरक्षा से जूझ रहें 34 लाख लोगों में एक करोड़ लोगों का इज़ाफा होने वाला हैं. कोलंबिया से मध्य अमेरिका तक भुखमरी के चिन्ह दिख रहें. होन्ड्रस, चिली और अन्य जगहों पर भूख की वजह से हुए हिंसक प्रदर्शनों को कुचल दिया गया हैं. सारी परिस्थिति का अल-सल्वाडोर के एक फेरीवाले ने इस तरह वर्णन किया, “हम यदि वायरस से नही मरे तो भूख से मर जाएंगे.”

लेकिन पश्चिमी गोलार्ध के देशो में दूसरे सबसे ग़रीब देश, निकाराग्वा में भुखमरी के कोई चिन्ह नहीं हैं. बाज़ारों में भरपूर खाद्यान्न उपलब्ध हैं और कीमतें स्थिर हैं. निकाराग्वा के छोटे किसान देश की ना सिर्फ ज़रूरत पूरी कर रहे हैं बल्कि निर्यात के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न भी उगा रहे हैं.

सयुंक्त राष्ट्र संघ के मुख्य-सचिव एण्टोनियो गुटेरस ने 9 जून 2020 को Policy Brief: The Impact of COVID-19 on Food Security and Nutrition(कोविड-19 का खाद्यान्न सुरक्षा और पोषण पर परिणाम), जारी करते हुए कहा कि हमें ना सिर्फ तुरंत भुखमरी के मुद्दे पर कार्यवाही करना चाहिए बल्कि साथ में शास्वत खाद्यान्न व्यवस्था का निर्माण करने के लिए कदम उठाना चाहिए. शास्वत खाद्यान्न व्यवस्था की बात छोटे किसानों के संगठन लॉ विआ कॅम्पेसीना(LVC), जिसमें 20 करोड़ महिला किसान, आदिवासी, अफ्रीकी मूल के लोग, मछुआरे, चरवाहे शामिल हैं, ने दशकों से उठाई हैं. कोविड महामारी ने बहुराष्ट्रीय खाद्यान्न कंपनियों और उनकी आपुर्ती श्रृंखलाओ पर निर्भर देशों की कमज़ोरी को उजागर कर दिया. दशकों से इन देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने छोटे किसानों को कम से कम दाम पर फसल बेचने के लिए मजबूर किया हैं. इस सबसे इन कंपनियों ने तो भरपूर कमाया है लेकिन ये देश आत्मनिर्भरता खोते रहें. ये कंपनियां पर्यावरण विरोधी तरीकों से खेती करती हैं. लेटिन अमेरिका के देशों में खाद्यान्न की कीमतें महामारी के समय में बढ़ती ही जा रही हैं.

LVC इस समस्या के हल के रूप में खाद्यान्न सार्वभौमिकता को देखती है और ऐसे परिभाषित करती है, “लोगों को अधिकार के रुप में ऐसा खाद्य मिले जो स्वास्थ्यवर्धक व संस्कृति के अनुरूप हो और पर्यावरणपुरक व शास्वत तरीकों से उत्पादित हो, तथा उन्हें उनके खाद्य व खेती व्यवस्था को परिभाषित करने का अधिकार हो”. इससे ये प्राथमिकताए निकल कर सामने आती हैं. 1. लोगों की जरूरत पूरी करने के लिए स्थानीय फसल उत्पादन. 2. छोटे किसानों और भूमिहीनों को ज़मीन, पानी, बीज और उधार मिलना. इन उपायों द्वारा भुखमरी से लड़ा जा सकता हैं. दुनिया का 70-75 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन छोटे किसान विश्व के एक चौथाई खेतों में करते हैं. जब किसान आंदोलन प्रगतिशील सरकारों के साथ मिलकर काम करती हैं तो परिणाम ज़बरदस्त होते हैं जैसा कि हम निकाराग्वा में देख सकते हैं.

निकाराग्वा में किसान आंदोलन

सॅन्डीनिस्टा जन क्रांती 1979 में संयुक्त राज्य अमेरिका(USA) द्वारा समर्थित सामोझा तानाशाही को हटाने में विजयी हुई थी. इसके एक साल संघर्ष के दौरान ग्रामीण मज़दूरों का संगठन(ATC) का गठन हुआ था. ATC ने किसान, छोटे किसान जिन्हें ज़मीन की ज़रूरत थी और खेत मज़दूरों को उनके अधिकारों के लिए एक साथ संगठित किया.  ATC ने LVC के गठन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 1980 के दशक में निकाराग्वा की क्रांतिकारी सरकार ने बहुत बड़े भूमिसुधार कार्यक्रम को लागू किया और देश का आधी खेती लायक ज़मीन(50 लाख एकड़) 1,20,000 किसान परिवारों में बाॅंटी. इन लोगों ने कई संगठन बनाए और 1990-2006 के बीच में आई नवउदारमतवादी सरकारों से संघर्ष किया. और 2006 के आगे प्रगतिशील सॅन्डीनिस्टा मुक्ति दल की सरकार को वापस आने में भूमिका निभाई.

2007 से खाद्यान्न सार्वभौमिकता

2007 में सत्ता में आई जनवादी सरकार ने भूमि सुधार कार्यक्रम चालू रखा है और देश का लगभग एक तिहाई क्षेत्रफल छोटे किसानों के नाम पर कर दिया है. सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रम, जो किसानों को उनकी और उनके समुदायों की खाद्यान्न जरूरत पूरा करने लागू किए गए है, ने ग्रामीण जीवन में सम्मान के साथ नई स्फुर्ती संचारित कर दी हैं. 2009 में लागू हुआ खाद्यान्न और पोषण की सार्वभौमिकता और सुरक्षा का कानून, लेटिन अमेरिका में पहला इस तरह का कानून है जिसने वाकई में सरकार के समर्थन के साथ खाद्यान्न सार्वभौमिकता की अवधारणा को मूर्त रूप दिया है. एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम – शून्य भूख – 2007 में शुरू किया गया जिसमें ग्रामीण महिलाओं को सुअर, गायें, मुर्गियां, पौधे, बीज और बिल्डिंग मटेरिअल दिए ताकि वे उत्पादन बढ़ा सके, परिवार का पोषण स्तर बेहतर कर सके और महिला नेतृत्व वाले कुटीर उद्योग को मजबूत कर सके. 2016 तक 10 लाख लोगों को इस कार्यक्रम का लाभ पहुंचा और देश की खाद्यान्न सार्वभौमिकता भी बढ़ी.

परिवार, समुदाय और सहकारिता अर्थव्यवस्था मंत्रालय(MEFFCA) स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर किसानों को संगठित करते हैं ताकि किसानों की कमाई बढ़े और उपभोक्ताओं को पोष, स्थानीय उत्पादित और रासायनिक खाद व कीटनाशक मुक्त खाद्य मिलें. निकाराग्वा का खेती प्रोद्योगिकी संस्थान(INTA) स्थानीय फ़सलों की प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए बीज बैंक चलाती है. राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (INATEC) खेती, पशु धन संवर्धन,  मुल्य वर्धक प्रसंस्करण, मधुमक्खी पालन आदि के लिए मुफ्त डिग्री कोर्सेस चलाता है. सूखाग्रस्त और विशेष तौर पर पर्यावरण बदलाव से प्रभावित इलाकों में निकाविडा नाम का कार्यक्रम शुरू हुआ है जो कि 30,000 ग्रामीण परिवारों का पोषण व आर्थिक स्थिति बेहतर हो इसके लिए औज़ार, बाड़, पानी की टंकी, मुर्गियां, और अन्य सामग्री उपलब्ध कराता है.

राष्ट्रीय खाद्यान्न व्यवस्था का एक भाग के रूप में शून्य सूदखोरी (Zero Usury) कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य शहरी गरीबी और भुखमरी को कम करना है. इसमें खुले आसमान के नीचे काम करने वाले लोग शामिल है. यह कार्यक्रम MEFFCA द्वारा संचालित है और इसमें छोटे व्यापारीयों(मुख्यतः महिलाएं) को कम ब्याज़ दर से कर्ज और अनुदान देकर उद्यमिता का प्रशिक्षण दिया जाता हैं. इस कार्यक्रम में व्हेनेजुएला और अन्य ALBA देश भी सहयोग कर रहे हैं. इस कार्यक्रम द्वारा 2007 से करीब 8,00,000 महिलाओं को फायदा हुआ हैं. इससे देश के सामान्य लोगों(असंगठित मज़दूर, छोटे किसान, पारिवारिक व्यवसाय, और सहकारी संगठन) की अर्थव्यवस्था, जिसमें 70% रोज़गार हैं, को सफल बनाने में मदद की है.

शून्य भूख कार्यक्रम के केन्द्र में किसानों को साधनों से सक्षम बनाना. गाय, मुर्गियां, बीज, पौधे, आदि पुनर्उत्पादन की पूँजी हैं. पहली बात यह समझ में आती है कि लोगों को ग़रीब नही समझना चाहिए. वे ग़रीब इसलिए हैं कि क्योंकि साधनों का अभाव हैं. लोगों को खाने के लिए दूध या भोजन दिया तो वह दान होगा लेकिन यदि उन्हें आर्थिक कर्ता के रूप में देखा जाए तो यह क्रांतिकारी कदम होगा. सॅण्डिस्टा क्रांंती का यह सबसे क्रांतिकारी विचार है.

दूसरे चरण के रूप में LVC और ATC किसानों, मज़दूरों आदि लोगों को सहभागिता के आधार पर संगठित कर उन्हें खाद्यान्न सार्वभौमिकता के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दे रही हैं. साथ ही में उन्हें राजनैतिक और वैचारिक स्तर पर भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से मुकाबला करने के लिए तैयार कर रही हैं.

भुखमरी के संदर्भ में निकाराग्वा और मध्य अमेरिका में बदलाव

2019-2023 Strategic Plan for Nicaragua, the United Nations World Food Program(2019-2023 निकाराग्वा के लिए नीतिगत योजना, संयुक्त राष्ट्र का विश्व खाद्यान्न कार्यक्रम) के अनुसार मध्य अमेरिका में निकाराग्वा ने सबसे ज्यादा भुखमरी कम करने में सफलता प्राप्त की है.  2006 से 2019 के बीच बच्चों में कुपोषण का प्रमाण घटकर 21.7% से 11.1% हो गया है. पिछले 25 सालों में सबसे ज्यादा भुखमरी करने वाले देशों में से एक निकाराग्वा है. निकाराग्वा ने विटामीन A की 5 साल से छोटे बच्चों में कमी को खत्म कर दिया है. लेकिन यही पड़ोस के मुल्कों होण्ड्रस और अल सेल्वाडोर में अपेक्षा से कम प्रगति हुई है तो ग्वाटेमाला में तो कोई प्रगति भी नही हुई है. इस स्थिरता का कारण इन देशों का संयुक्त राज्य अमेरिका से हुआ मुक्त व्यापार समझौता है. इन तीन देशों ने करीब 5.9 अरब डॉलर का खाद्यान्न आयात किया जबकि निकाराग्वा निर्यात की स्थिति में पहुंच गया. संयुक्त राज्य अमेरिका इन देशों को निर्यात दोगुना हो गया है और इन देशों में कीमतें अब दोगुनी हो गई हैं. लॉकडाऊन की वजह से इन देशों में एक तरफ किसानों की फसल सड़ रही तो दूसरी तरफ शहरों में बेरोज़गारी और भुखमरी बढती जा रही है. कोविड – 19 ने इन नीतियों को नंगा कर दिया है.

निकाराग्वा के सामने चुनौतियाँ

अमेरिका(USA) ने निकाराग्वा के खिलाफ दुष्प्रचार की भरपूर कोशिश की है. अमेरिका की खेती में काम करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे कारगिल ने स्थानीय कंपनियों के मालिकों से मिलकर प्रगतिशील सरकार को गिराने के लिए पैसे और प्रभाव का 2018 में इस्तेमाल किया हैं. USAID (एक अमेरिकी संस्था) के माध्यम से दुनिया भर में मोनसेंटों(अब इसका नाम बॅअर है) के GM बीज फैलाए हैं. यह सब तभी रोका जा सकता है जब एक किसान और सामान्य लोग इसका विरोध करे और सार्वभौमिक खाद्यान्न नीति पर देश चले.

एक मुलाकात में महिला किसान आंदोलन नेता निकाराग्वा कैसे कोरोना महामारी से निपट रहा है तो वे बोली मुझे कोरोना से ज्यादा डर नही लगता. शायद मंदी भी आए. लेकिन महत्त्वपूर्ण यह है कि हमारे यहां लोगों के लिए भरपेट खाद्यान्न है. हम अभी भी शत प्रतिशत आत्मनिर्भर नही हुए हैं लेकिन हम हर संभव कोशिश करेंगे की हमारी ज़रूरत हम ही पूरा करे और सरकार बचे हुए लोगों की तरफ ध्यान दे. हम लोग स्वाभिमान के साथ समस्या का हल निकाल रहे हैं.

यह स्वाभिमान और खाद्यान्न सार्वभौमिकता के लिए प्रतिबद्धता ही मोनसेंटो/बेअर, कारगिल और इनकी संस्था USAID की चिंता का असली कारण है.

[Rita Jill Clark-Gollub is a COHA Assistant Editor/Translator, based in Washington, DC; Erika Takeo is a member of the International Relations Secretariat of the Rural Workers Association (ATC) and Coordinator of the Friends of the ATC solidarity network and is based in Nicaragua; Avery Raimondo, from Friends of the ATC solidarity network, is based in Los Angeles, California.]

(यह अंग्रेजी लेख का हिंदी अनुवाद है. अंग्रेजी लेख आप https://janataweekly.org/feeding-the-people-in-times-of-pandemic-the-food-sovereignty-approach-in-nicaragua/ यहा पढ सकते है.)

End notes

[1] “World food agency chief: World could see famines of ‘biblical proportions’ within months,” https://www.cbsnews.com/news/coronavirus-famines-united-nations-warning/

[2] “Latin America and Caribbean: Millions more could miss meals due to COVID-19 pandemic,” https://news.un.org/en/story/2020/05/1065032

[3] “2020 Global Nutrition Report,” https://globalnutritionreport.org/

[4] “La contraseña de hambre en Latinoamérica: colgar un trapo rojo,” https://www.lavozdeasturias.es/noticia/actualidad/2020/04/27/contrasena-hambre-colgar-trapo-rojo/0003_ 202004G27P17991.htm and https://www.jornada.com.mx/ultimas/mundo/2020/05/21/en-guatemala-y-el- salvador-piden-comida-con-banderas-blancas-1720.html

[5] “Reprimen manifestantes que exigían comida en medio de crisis por coronavirus,” https://notibomba.com/honduras-reprimen-manifestantes-que-exigian-comida-en-medio-de-crisis-por-coronavirus/

[6] “Coronavirus: Chile protesters clash with police over lockdown,” https://www.bbc.com/news/world-latin-america-52717402

[7] “En Guatemala y El Salvador piden comida con banderas blancas,” https://www.jornada.com.mx/ultimas/mundo/2020/05/21/en-guatemala-y-el-salvador-piden-comida-con-banderas-blancas-1720.html

[8] “Policy Brief: The impact of COVID-19 on Food Security and Nutrition,” https://www.un.org/sites/un2.un.org/files/sg_policy_brief_on_covid_impact_on_food_security.pdf

[9] “The Solution to Food Insecurity is Food Sovereignty,” https://viacampesina.org/en/the-solution-to-food -insecurity-is-food-sovereignty/

[10] “Factory farms: A pandemic in the making,” https://uspirg.org/blogs/blog/usp/factory-farms-pandemic-making

[11] “Agriculture is one of the biggest contributors to climate change. But it can also be part of the solution. https://investigatemidwest.org/2019/09/27/agriculture-is-one-of-the-biggest-contributors-to-climate-change-but-it-can-also-be-a-part-of-the-solution/ and “Lessons from the Green Revolution,” https://nature.berkeley.edu/srr/Alliance/lessons_from_the_green_revolutio.htm

[12] “Costlier Food Hits Latin America’s Poor and Adds to Unrest Risk,” https://www.bloomberg.com/news/articles/2020-05-08/costlier-food-hits-latin-america-s-poor-and-adds-to-unrest-risk

[13] La Vía Campesina, 2008, Food Sovereignty for Africa: A challenge at our fingertips, <http://viacampesina.net/downloads/PDF/Brochura_em_INGLES.pdf> p.2

[14] “Hungry for land: small farmers feed the world with less than a quarter of all farmland,” https://www.grain.org/article/entries/4929-hungry-for-land-small-farmers-feed-the-world-with-less-than-a-quarter-of-all-farmland

[15] Website: Friends of the ATC, History, https://friendsatc.org/history/

[16]https://nicaragua.justia.com/nacionales/constitucion-politica-de-nicaragua/titulo-iv/capitulo-iii/#:~:text=Es%20derecho%20de%20los%on on20nicarag%C3%BCenses,Art%C3%ADculo%2064.

[17] Araujo and Godek, “Opportunities and Challenges for Food Sovereignty Policies in Latin America: The Case of Nicaragua,” in Rethinking Food Systems – Structural Challenges, New Strategies and the Law, (New York: Springer, 2014), 51-72.

[18] “Nicaragua’s human rights achievements over the last 10 years,” http://www.tortillaconsal.com/tortilla/node/6571

[19] Araujo and Godek.

[20]CELAC website, Food and Nutrition Security Platform, https://plataformacelac.org/en/pais/nic

[21] “Revolución Sandinista restituye derechos a mujeres y los campesinos,” http://www.tortillaconsal.com/tortilla/node/7702

[22]“Testimonies,” https://friendsatc.org/about/resources/testimonies/

[23] McCune, Nils (2016): “Family, territory, nation: post-neoliberal on agroecological scaling in Nicaragua,” available from: https://www.researchgate.net/publication/314022520_Family_territory_ nation_post-neoliberal_agroecological_scaling_in_Nicaragua

[24] INATEC website: https://www.tecnacional.edu.ni/educacion-tecnica/

[25] “How the Climate Crisis is Driving Central American Migration,” https://www.climaterealityproject.org/blog/how-climate-crisis-driving-central-american-migration#:~:text =The%20Dry%20Corridor%20is%20an,%2C%20Costa%20Rica%2C%20and%20Panama.&text=It%20has%20to%20do%20with,circulation%20patterns%20near%20Central%20America.

[26] “Nicaraguan Dry Corridor Rural Family Sustainable Development Project,” https://www.ifad.org/en/web/operations/project/id/2000001242

[27] “Revolución Sandinista restituye derechos a mujeres y los campesinos,”  http://www.tortillaconsal.com/tortilla/node/7702

[28] “Draft Nicaragua country strategic plan (2019-2023),” https://docs.wfp.org/api/documents/WFP-0000100987/download/

[29] “To the people of Nicaragua and to the world, COVID-19 report, a singular strategy,” page 32,  http://www.tortillaconsal.com/white_book_sars-cov-2_26-5-2020.pdf

[30] “Nicaragua Interim Country Strategic Plan,” https://docs.wfp.org/api/documents/WFP-0000020983/download/

[31] “FAO Hunger Map 2015,” http://www.fao.org/3/a-i4674e.pdf

[32] “US Agricultural Exports to Central America’s Northern Triangle Prosper Under CAFTA-DR,” https://www.fas.usda.gov/data/us-agricultural-exports-central-america-s-northern-triangle-prosper-under-cafta-dr#:~:text=Guatemala’s%20top%20agricultural%20imports%20from,export%20destination%20for%20U.S.%20agriculture.

[33] “How Covid-19 is threatening Central America’s economic lifeline,” https://www.bbc.com/news/world-latin-america-52550389

[34] “Desempleo sube y llega a su mayor porcentaje en 10 años todavía sin reflejar los efectos de la covid-19,” https://www.nacion.com/economia/indicadores/desempleo-sube-a-su-maximo-valor-en-10-anos/N5FIK7DHLVBJJGQIW67BANJIWQ/story/

[35] “Desempleo y reducción de ingresos agobian a costarricenses durante la crisis del COVID-19,” https://www.ucr.ac.cr/noticias/2020/04/28/desempleo-y-reduccion-de-ingresos-agobian-a-costarricenses-durante-la-crisis-del-covid-19.html

[36] “Sector agropecuario ha tenido crecimiento significativo en los últimos 12 años,” https://www.el19digital.com/articulos/ver/titulo:87126-sector-agropecuario-ha-tenido-un-crecimiento-significativo-en-los-ultimos-12-anos

[37] “Nicaragua expone plan nacional de producción 2020 a organizaciones no gubernamentales,”  https://barricada.com.ni/nicaragua-expone-plan-nacional-de-produccion-2020-a-organizaciones-no-gubernamentales/?fbclid=IwAR0YlfvREfaBeYC-_8YQxXFAJNeCdUQIWAWni6JVouDJF-0XJXIDtSETBmI

[38] https://viacampesina.org/en/what-are-we-fighting-for/biodiversity-and-genetic-resources/

[39] “Peasant Training Doesn’t Stop: IALA Ixim Ulew Now Online,” https://friendsatc.org/blog/peasant-training-doesnt-stop-iala-ixim-ulew-now-online/

[40] “CLOC-Vía Campesina Returning to the Countryside,” https://viacampesina.org/en/cloc-via-campesina-returning-to-the-countryside/

[41] “Nicaragua Battles COVID-19 and a Disinformation Campaign,” http://www.coha.org/nicaragua-battles-covid-19-and-a-disinformation-campaign/

[42] “USAID, Monsanto, and the real reason behind Delhi’s horrific smoke season,”  https://www.ecologise.in/2018/10/20/the-real-reason-for-delhis-annual-smoke-season/

[43] “Henry Kissinger’s Food Occupation of Iraq Continues to Destroy the Fertile Crescent,”  https://mintpressnews.ru/kissingers-occupation-iraq-destroys-agriculture/226407/

[44] “USAID and GM Food Aid,” https://www.iatp.org/sites/default/files/USAID_and_GM_Food_Aid.htm

[45] “The Monsanto Effect: Poisoning Latin America,” https://earth.org/the-monsanto-effect-poisoning-latin-america/ and Website: https://en.centralamericadata.com/en/search?q1=content_en_le:%22Monsanto%22

[46] Kaufman, “US Regime-Change Funding Mechanisms,” in Live from Nicaragua: Uprising or Coup? pp. 173-188, https://secureservercdn.net/198.71.233.161/jwp.e46.myftpupload.com/wp-content/uploads/2019/07/live_from_nicaragua_june_2019.pdf.

[47] Zeese and McCune, “Correcting the record: what is really happening in Nicaragua?” in Live from Nicaragua: Uprising or Coup? p. 182, https://secureservercdn.net/198.71.233.161/ jwp.e46.myftpupload.com/wp-content/uploads/2019/07/live_from_nicaragua_june_2019.pdf

[48] “NicaNotes: Peasant Women Take Stance of Dignity in Face of Crisis,” https://afgj.org/nicanotes-peasant-women-take-stance-of-dignity-in-face-of-crisis

Janata Weekly does not necessarily adhere to all of the views conveyed in articles republished by it. Our goal is to share a variety of democratic socialist perspectives that we think our readers will find interesting or useful. —Eds.

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